नर्मदा नदी के घाटों पर बढ़ा जलस्तर ,मंदिर व दुकानें हुई जलमग्न,दृश्य को देखने पहुंच रहे लोग - India2day news

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मंगलवार, 16 अगस्त 2022

नर्मदा नदी के घाटों पर बढ़ा जलस्तर ,मंदिर व दुकानें हुई जलमग्न,दृश्य को देखने पहुंच रहे लोग


जबलपुर। बरगी डैम के गेट खोले जाने के बाद ग्वारीघाट में पानी का स्तर करीब 25 फीट बढ़ चुका है। नदी के भीतर स्थित मां नर्मदा का मंदिर जलमग्न हो चुका है। चारों तरफ समुद्र जैसा नजारा है। इस विहंगम नजारे को देखने बड़ी संख्या में लोग ग्वारीघाट पहुंच रहे हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति तिलवारा घाट की भी है। यहां भी लोग नर्मदा नदी के बढ़ते जलस्तर को देखकर रोमांचित हो रहे है ।

जिला कलेक्टर की सभी से की यह अपील:

नर्मदा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए कलेक्टर डा. इलैयाराजा टी ने लोगों से आग्रह किया है कि वे नर्मदा तटों पर सावधानी के साथ जाएं। पानी से पर्याप्त दूरी बनाए रखें। उन्होंने निगम प्रशासन और होम गार्ड के गोताखोरों को भी नर्मदा तटों पर तैनात रहने के लिए कहा है। पुलिस को भी बढ़ती भीड़ पर नियंत्रण रखने के लिए कहा गया है।

बांध के 21 में से 13 गेट खोले :

रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना बरगी के जल स्तर को नियंत्रित करने बरगी बांध के 21 में से 13 स्पिल-वे गेट खोल दिए गए। इन गेटों को औसतन 1.60 मीटर की ऊंचाई तक खोला गया है, जिनके माध्यम से इन करीब एक लाख 06 हजार क्यूसेक (घन फुट प्रति सेकंड) पानी की निकासी हो रही है।

रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना बरगी बांध के कार्यपालन यंत्री अजय सूरे के अनुसार बांध के जलद्वारों को खोलते समय इसका जलस्तर 421.40 मीटर दर्ज किया गया था। इस समय बांध में प्रति सेकेंड लगभग एक लाख हजार 60 हजार क्यूसेक पानी की आवक हो रही थी। उन्होंने बताया में पानी की आवक को देखते हुए जलद्वारों से पानी-निकासी की मात्रा घटाई या बढ़ाई जा सकती है।

कार्यपालन यंत्री सूरे ने बांध के जल-द्वारों से पानी की निकासी से निचले क्षेत्र में नर्मदा नदी के घाटों पर जलस्तर 20 फीट से ज्यादा बढ़ चुका है। उन्होंने नर्मदा नदी के तटीय इलाकों के रहवासियों से घाटों और डूब में आने वाले क्षेत्रों में प्रवेश न करने करने की सलाह दी है। लोगों से सुरक्षित दूरी बनाए रखने का आग्रह भी किया गया है।

बरगी बांध का जलस्तर 15 अगस्त तक 421 मीटर रखा जाना तय था। बांध के 21 स्पिल वे गेट में से गेट क्रमांक 5 से 17 तक 13 जल-द्वार खेल दिए गए। इन द्वारों को औसतन 1.60 मीटर की ऊंचाई तक खोला गया है।

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